लेखनी कविता -26-Dec-2022
💔💔दगा💔💔
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हे दोस्त किसी ने तेरे साथ दगा नहीं किया,
यह घटना ईश्वर की ही देन है,
वह न जाने कब किसको क्या दिखाता है,
हम तो उसके हाथ की कठपुतली मात्र हैं,
जन्म मरण परण सब पहले से उसने निश्चित कर रखा है,
हमें तो उसके आदेश का पालन ही करना होता है,
हम सोचते हैं उसने हमारे साथ दगा किया हैं,
जैन सिद्धांत के अनुसार पिछले जन्म के कर्म है जो हमें भोगने हैं,
क्या हम स्वार्थ में किसी के साथ धोका नहीं करते हैं?
क्या जानकर किसी को पीड़ा नहीं पहुंचाते हैं,?
ईश्वर ने स्वर्ग और नरक यही बना रखे हैं,
कुछ इसी जन्म में भोंगते हैं कुछ अगले जन्म में,
गीता में भी कहा है मनुष्य अच्छे कर्म करते चलो फल की इच्छा ना कर,
हम सोचते हैं ईश्वर ने हमारे साथ अन्याय किया,
शायद सामने वाला दगा कर अपने अगले जन्म के फल की तैयारी कर रहा है,
तू निश्चित रह दगा करने वाले को इसी जन्म में नहीं तो अगले जन्म में निश्चित परिणाम भुगतना होगा,
हे मानव तू कर्म करता चल फल की आशा ना कर,
ईश्वर सद्कर्म कि प्रेरणा देता है तू निश्चित विजय प्राप्त करेगा।
✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर
Haaya meer
30-Dec-2022 07:27 PM
👌👌
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Sachin dev
30-Dec-2022 06:32 PM
Lajavab 🌺
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